बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 संस्कृत व्याकरण एवं भाषा-विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 संस्कृत व्याकरण एवं भाषा-विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 संस्कृत व्याकरण एवं भाषा-विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- ध्वनि परिवर्तन के कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
ध्वनि परिवर्तन के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
१. अशिक्षा - अशिक्षा या अज्ञान के कारण ध्वनियों में परिवर्तन हो जाता है। जैसे लैन्टर्न-लालटेन, गार्ड-गारद्, लाइन- लैन।
२. शीघ्र भाषण - कुछ व्यक्तियों में जल्दी-जल्दी बोलने की आदत होती है। इनके अन्तर्गत दो प्रवृतियाँ देखी जाती हैं। पहली, लघुकरण की प्रवृत्ति- लाल मणि दा-लालदा, उन्होंने उन्ने, किसने किन्ने, अब ही अभी, तब ही तभी दूसरी, लघुकरण की प्रवृत्ति में शब्दों के रूप परिवर्तित हो कर कुछ के कुछ हो जाते हैं जैसें दाल भात भात दाल, दाल चावल = चावल दाल आदि।
३. भावावेष - प्रेम, घृणा, क्रोध, भय के आवेश में परिवर्तन होकर ध्वनि - विकार होना स्वाभाविक है। कारण यह है कि इस स्थिति में उच्चारण का शुद्ध होना कठिन हो जाता है। पर भावावेश के कारण स्वतः बदल जाता है। इसके अनेक उदाहरण हैं- राम का रामू, रमुआ, कृष्ण का कान्हा, कन्हैया, बच्चा का बाचा, बचवा आदि।
४. काव्यात्मकता - काव्य में छन्द के नियमों का पालन करने के कारण कभी ह्रस्व को दीर्घ, दीर्घ को ह्रस्व तथा कुछ वर्णागम आदि किया जाता है। जैसे वीर का वीरा, कबीर का कबीरा, सूर का सूरा, नदी का नदिया, देहली का देहरी, द्वार का दुआर आदि।
५. बलाघात - प्रायः यह देखा जाता है कि किसी शब्द के बोलने में जिन ध्वनियों का उच्चारण बलपूर्वक किया जाता है, वे तो सबल होने के कारण जीवित रह जाती हैं, किन्तु उनकी पार्श्वर्ती ध्वनियाँ निर्बल होने के कारण कालान्तर में बदल जाती हैं। जैसे- अभ्यान्तर का भीतर बिल्व का बेल, निम्ब का नीम।
६. कृत्रिमता - यह प्रवृत्ति कुछ शब्दों को तोड़ मरोड़कर बोलने में देखी जाती है। यथा - पंजाबी में भ्राता का भ्रा, बहिनों का भैंना, स्मरण का सुमिरन, उठो का उट्ठो आदि।
७. भ्रामक व्युत्पत्ति - कभी-कभी भ्रमवश कुछ शब्दों को स्वभाव के अनुरूप बना लिया जाता है। यथा मैक्समूलर का 'मोक्षमूलर प्रोग्राम का पुरोगम' गोडाउन का गोदाम आदि।
८. प्रतिध्वनि प्रवृत्ति - कुछ लोगों की बोलचाल में कुछ शब्द अनायास आ जाया करते हैं, जो पूर्व उच्चरित शब्द की ध्वनि के अनुकरण पर ही होते हैं, जैसे रोटी वोटी, पानी वानी, नाश्ता - वाश्ता आदि।
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- प्रश्न- निम्नलिखित क्रियापदों की सूत्र निर्देशपूर्वक सिद्धिकीजिये।
- १. भू धातु
- २. पा धातु - (पीना) परस्मैपद
- ३. गम् (जाना) परस्मैपद
- ४. कृ
- (ख) सूत्रों की उदाहरण सहित व्याख्या (भ्वादिगणः)
- प्रश्न- निम्नलिखित की रूपसिद्धि प्रक्रिया कीजिये।
- प्रश्न- निम्नलिखित प्रयोगों की सूत्रानुसार प्रत्यय सिद्ध कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित नियम निर्देश पूर्वक तद्धित प्रत्यय लिखिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित का सूत्र निर्देश पूर्वक प्रत्यय लिखिए।
- प्रश्न- भिवदेलिमाः सूत्रनिर्देशपूर्वक सिद्ध कीजिए।
- प्रश्न- स्तुत्यः सूत्र निर्देशकपूर्वक सिद्ध कीजिये।
- प्रश्न- साहदेवः सूत्र निर्देशकपूर्वक सिद्ध कीजिये।
- कर्त्ता कारक : प्रथमा विभक्ति - सूत्र व्याख्या एवं सिद्धि
- कर्म कारक : द्वितीया विभक्ति
- करणः कारकः तृतीया विभक्ति
- सम्प्रदान कारकः चतुर्थी विभक्तिः
- अपादानकारकः पञ्चमी विभक्ति
- सम्बन्धकारकः षष्ठी विभक्ति
- अधिकरणकारक : सप्तमी विभक्ति
- प्रश्न- समास शब्द का अर्थ एवं इनके भेद बताइए।
- प्रश्न- अथ समास और अव्ययीभाव समास की सिद्धि कीजिए।
- प्रश्न- द्वितीया विभक्ति (कर्म कारक) पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- द्वन्द्व समास की रूपसिद्धि कीजिए।
- प्रश्न- अधिकरण कारक कितने प्रकार का होता है?
- प्रश्न- बहुव्रीहि समास की रूपसिद्धि कीजिए।
- प्रश्न- "अनेक मन्य पदार्थे" सूत्र की व्याख्या उदाहरण सहित कीजिए।
- प्रश्न- तत्पुरुष समास की रूपसिद्धि कीजिए।
- प्रश्न- केवल समास किसे कहते हैं?
- प्रश्न- अव्ययीभाव समास का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- तत्पुरुष समास की सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कर्मधारय समास लक्षण-उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- द्विगु समास किसे कहते हैं?
- प्रश्न- अव्ययीभाव समास किसे कहते हैं?
- प्रश्न- द्वन्द्व समास किसे कहते हैं?
- प्रश्न- समास में समस्त पद किसे कहते हैं?
- प्रश्न- प्रथमा निर्दिष्टं समास उपर्सजनम् सूत्र की सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- तत्पुरुष समास के कितने भेद हैं?
- प्रश्न- अव्ययी भाव समास कितने अर्थों में होता है?
- प्रश्न- समुच्चय द्वन्द्व' किसे कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'अन्वाचय द्वन्द्व' किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइये।
- प्रश्न- इतरेतर द्वन्द्व किसे कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- समाहार द्वन्द्व किसे कहते हैं? उदाहरणपूर्वक समझाइये |
- प्रश्न- निम्नलिखित की नियम निर्देश पूर्वक स्त्री प्रत्यय लिखिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित की नियम निर्देश पूर्वक स्त्री प्रत्यय लिखिए।
- प्रश्न- भाषा की उत्पत्ति के प्रत्यक्ष मार्ग से क्या अभिप्राय है? सोदाहरण विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा की परिभाषा देते हुए उसके व्यापक एवं संकुचित रूपों पर विचार प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- भाषा-विज्ञान की उपयोगिता एवं महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भाषा-विज्ञान के क्षेत्र का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भाषाओं के आकृतिमूलक वर्गीकरण का आधार क्या है? इस सिद्धान्त के अनुसार भाषाएँ जिन वर्गों में विभक्त की आती हैं उनकी समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक भारतीय आर्य भाषाएँ कौन-कौन सी हैं? उनकी प्रमुख विशेषताओं का संक्षेप मेंउल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय आर्य भाषाओं पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- भाषा-विज्ञान की परिभाषा देते हुए उसके स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भाषा के आकृतिमूलक वर्गीकरण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अयोगात्मक भाषाओं का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- भाषा और बोली में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- मानव जीवन में भाषा के स्थान का निर्धारण कीजिए।
- प्रश्न- भाषा-विज्ञान की परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- भाषा की उत्पत्ति एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संस्कृत भाषा के उद्भव एवं विकास पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- संस्कृत साहित्य के इतिहास के उद्देश्य व इसकी समकालीन प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- ध्वनि परिवर्तन की मुख्य दिशाओं और प्रकारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ध्वनि परिवर्तन के प्रमुख कारणों का उल्लेख करते हुए किसी एक का ध्वनि नियम को सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भाषा परिवर्तन के कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैदिक भाषा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक संस्कृत पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- संस्कृत भाषा के स्वरूप के लोक व्यवहार पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ध्वनि परिवर्तन के कारणों का वर्णन कीजिए।